एक थी कहानी
उसमे एक पपी था
न उसकी माँ थी
न उसका पिता था
न वो कुछ खाता था
न वो कुछ पीता था
बस चबाता
वो पपीता था
न वो हारा था
न जीता था
बस अपनी मरजी से
वो जीता था
न फाड़ता था
न सीता था
बस पूजता
वो सीता था
Friday, December 12, 2008
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