Friday, December 12, 2008

एक थी कहानी

एक थी कहानी
उसमे एक पपी था
न उसकी माँ थी
न उसका पिता था
न वो कुछ खाता था
न वो कुछ पीता था
बस चबाता
वो पपीता था

न वो हारा था
न जीता था
बस अपनी मरजी से
वो जीता था

न फाड़ता था
न सीता था
बस पूजता
वो सीता था